- द्वारा Santosh Singh
- Jun 21, 2023
महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल तेज हो चुकी है। 5 दिसंबर को मुंबई के आजाद मैदान में नए मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह होने जा रहा है। हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं है कि सीएम की कुर्सी किसे मिलेगी, लेकिन यह तय है कि मुख्यमंत्री भाजपा का ही होगा।
भाजपा विधायक दल की बैठक आज
आज, यानी बुधवार को महाराष्ट्र में भाजपा विधायक दल की बैठक आयोजित हो रही है। इसमें केंद्रीय पर्यवेक्षक की मौजूदगी में सभी विधायक अपने नेता का चयन करेंगे, जो महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। आजाद मैदान में होने वाले भव्य शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां जोरों पर हैं।
शिंदे की मांग और भाजपा का दो-टूक जवाब
शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने हाल ही में भाजपा नेतृत्व के सामने छह महीने के लिए मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग रखी थी। 28 नवंबर को शिंदे ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और अन्य भाजपा नेताओं से मुलाकात की। बैठक में देवेंद्र फडणवीस, एनसीपी प्रमुख अजित पवार, प्रफुल्ल पटेल और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुनील तटकरे भी मौजूद थे।
शिंदे ने बैठक में कहा कि यदि पूरे कार्यकाल के लिए सीएम पद देना संभव नहीं है, तो कम से कम छह महीने तक यह जिम्मेदारी उन्हें सौंपी जाए। लेकिन भाजपा नेतृत्व ने इस प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया।
“गलत मिसाल कायम होगी,” भाजपा का तर्क
भाजपा ने स्पष्ट कहा कि छह महीने के लिए सीएम नियुक्त करना एक गलत परंपरा होगी, जो भविष्य में प्रशासन पर बुरा प्रभाव डालेगी। भाजपा नेताओं ने शिंदे से कहा कि इस तरह की मांग पर सहमति जताना न केवल पार्टी के लिए, बल्कि राज्य के लिए भी गलत संकेत होगा।
भाजपा के सवाल पर चुप्पी साध गए शिंदे
बैठक के दौरान शिंदे ने विधानसभा चुनाव से पहले किए गए एक कथित वादे का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि अगर बहुमत मिलता है तो वही मुख्यमंत्री रहेंगे। इस पर भाजपा ने दो टूक जवाब दिया कि पार्टी को लगभग बहुमत मिल चुका है और ऐसे में सीएम पद छोड़ना सही नहीं होगा। भाजपा ने शिंदे से सवाल किया, “अगर आपको स्पष्ट बहुमत मिला होता, तो क्या आप सीएम पद छोड़ते?”* यह सवाल सुनकर शिंदे बिल्कुल चुप रह गए।
शिंदे की खामोशी और गांव की ओर रुख
दिल्ली में भाजपा नेतृत्व से मुलाकात के अगले ही दिन शिंदे अपने पैतृक गांव, सतारा, चले गए। शिवसेना ने उनके स्वास्थ्य खराब होने का कारण बताया। वहां से लौटकर वह ठाणे पहुंचे और एक अस्पताल में जांच करवाई। फिर मंगलवार को मुंबई स्थित अपने आवास पर भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की।
सीएम की कुर्सी पर अटकलें जारी
भले ही भाजपा ने शिंदे की मांग को खारिज कर दिया हो, लेकिन अब भी यह देखना दिलचस्प होगा कि महाराष्ट्र की राजनीति के इस अहम मोड़ पर सीएम की कुर्सी किसे सौंपी जाती है।
क्या शिंदे की दावेदारी पर विराम लगेगा, या भाजपा अपने पत्ते आखिरी वक्त पर खोलेगी? जवाब 5 दिसंबर को मिलेगा।