Monday, June 9, 2025

नीतीश कुमार की बिहार यात्रा: 15 दिसंबर से शुरुआत, जानिए मुख्यमंत्री के खास कार्यक्रम और क्या-क्या होगा नया


बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर राज्य का दौरा करने जा रहे हैं। इस बार उनकी यह यात्रा विशेष रूप से 'महिला संवाद यात्रा' के नाम से जानी जाएगी, जो 15 दिसंबर से शुरू होगी। प्रशासनिक और राजनीतिक दृष्टि से यह दौरा बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि अगले साल बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में नीतीश कुमार का यह कदम न केवल जनता से संवाद स्थापित करने की दिशा में एक प्रयास है, बल्कि सरकारी योजनाओं की जमीनी सच्चाई का जायजा लेने का भी एक बड़ा जरिया होगा।  

क्या है यात्रा की खासियत?

नीतीश कुमार की यह "15वीं बिहार यात्रा" होगी। इस बार के दौरे का मुख्य फोकस महिलाओं से संवाद करना और उनकी समस्याओं को समझना होगा। राज्य सरकार इस यात्रा के जरिए 'सात निश्चय योजना', 'जल जीवन हरियाली' और अन्य महत्वपूर्ण सरकारी कार्यक्रमों की प्रगति की भी समीक्षा करेगी।  

मुख्यमंत्री अपनी इस यात्रा में सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों से सीधे बातचीत करेंगे और योजनाओं के प्रभाव को परखेंगे। साथ ही, हर जिले में पांच गांवों का चयन कर उनकी स्थिति का विश्लेषण किया जाएगा।  

सरकारी स्तर पर तेज हुई तैयारी  

इस यात्रा की तैयारियों को लेकर सरकारी महकमा एक्शन मोड में आ चुका है। मुख्यमंत्री के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने गुरुवार को सभी विभागों के आला अधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में यात्रा का पूरा कार्यक्रम तय किया गया। मीणा ने प्रमंडलीय आयुक्त, डीएम, एसपी और अन्य अधिकारियों को सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं ताकि यात्रा सुचारु रूप से संपन्न हो।  

क्या-क्या करेंगे मुख्यमंत्री?  

- सात निश्चय योजना की समीक्षा: मुख्यमंत्री यह सुनिश्चित करेंगे कि सात निश्चय योजना के पहले और दूसरे चरण के काम कितनी दूर तक पहुंचे हैं।  

- महिलाओं से संवाद: राज्यभर में महिलाओं से जुड़ने और उनकी समस्याओं को सुनने के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।  

- ग्रामीण विकास पर जोर: मुख्यमंत्री ग्रामीण विकास विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में भाग लेंगे और उनकी प्रगति का विश्लेषण करेंगे।  

- जमीनी हकीकत की पड़ताल: सरकारी योजनाओं का लाभ वास्तव में जरूरतमंदों तक पहुंच रहा है या नहीं, इसका आकलन किया जाएगा।  

बजट और महत्व 

इस यात्रा पर सरकार करीब "225 करोड़ रुपए" खर्च करेगी। इस प्रस्ताव को राज्य कैबिनेट से मंजूरी भी मिल चुकी है। यह राशि न केवल यात्रा को सफल बनाने में मदद करेगी, बल्कि इससे सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार में भी योगदान मिलेगा।  

चुनावी साल में क्यों अहम है यह यात्रा?  

2025 में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले नीतीश कुमार की यह यात्रा उनके लिए जनता से जुड़ने का सुनहरा मौका है। खासकर ग्रामीण इलाकों में महिलाओं के साथ संवाद स्थापित कर वे अपनी सरकार के प्रति विश्वास को मजबूत करना चाहते हैं।  

महिलाओं पर फोकस क्यों?  

महिला संवाद यात्रा के जरिए नीतीश कुमार यह संदेश देना चाहते हैं कि उनकी सरकार महिलाओं की भागीदारी और सशक्तिकरण को प्राथमिकता देती है। यह कदम चुनाव से पहले एक प्रभावी रणनीति मानी जा रही है, क्योंकि महिला मतदाताओं की भूमिका निर्णायक होती जा रही है।  

नीतीश कुमार की यह यात्रा न केवल उनके प्रशासनिक कौशल का प्रदर्शन करेगी, बल्कि उनके चुनावी अभियान को भी नई धार देगी। अब देखना यह है कि यह यात्रा बिहार की राजनीति में क्या नया मोड़ लाती है।

Super Admin

Santosh Singh

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