Monday, June 9, 2025

पोखर पर कब्जे का विरोध कर रहे ग्रामीणों को दबंगों की जान से मारने की धमकी, डर के साये में गांव !


पोखर पर कब्जे का विरोध कर रहे ग्रामीणों को दबंगों की जान से मारने की धमकी, डर के साये में गांव


ग्राम नसरतपुर, थाना संदेश, जिला भोजपुर, थाना-नंबर 187 बिहार सरकार के जमीन सर्वे-खाता न० 566 , प्लॉट/खेसरा नंo 2035 एवं 2039 रकबा लगभग 50 डिसमिल, जल संचय को दबंगों द्वारा किया जा रहा है कब्जा ।

जहां कभी पानी से लबालब रहने वाला यह सार्वजनिक पोखर को अब JCB और ट्रैक्टर लगा कर मिट्टी से भर कर स्थानीय दबंग जो कि बालू माफिया भी है के द्वारा निजी उपयोग हेतु रास्ता एवं बैठक का निर्माण किया जा रहा है जबकि पहले ही पोखर को लगभग आधा भर कर मकान एवं दालान का निर्माण कर लिया गया है।


बिहार सरकार के जहां जल जीवन हरियाली मिशन को ठेंगा

एक तरफ जहां "बिहार सरकार जहां जल जीवन हरियाली मिशन के तहत जल संरक्षण और सार्वजनिक जलस्रोतों को अतिक्रमण मुक्त करने की बात कर रही है, वहीं जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। सरकार के आदेशों को ताक पर रखते हुए कुछ दबंग सार्वजनिक पोखर, तालाब और आहार को निजी लाभ के लिए पाट रहे हैं। क्या प्रशासन इस पर कोई ठोस कार्रवाई करेगा?


खुलेआम दी जान से मारने की धमकी !

नसरतपुर गांव में जल संरक्षण और पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण पोखरों पर लगातार अवैध कब्जा किया जा रहा है। जब ग्रामीण इसका विरोध करते हैं, तो उन्हें दबंग माफियाओं की धमकियों का सामना करना पड़ता है। ऐसा ही एक मामला 19 मार्च 2025 को सामने आया, जब ग्रामीणों ने एक पोखर पर हो रहे अवैध कब्जे का विरोध किया।

गांववालों के अनुसार, विरोध के दौरान ही दबंगों के सरगना ने खुलेआम जान से मारने की धमकी दी। कुछ ग्रामीणों ने इस घटना का वीडियो फुटेज बना लिया, लेकिन माफियाओं के डर से कोई भी इसे सार्वजनिक करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है।


प्रशासन बना मूकदर्शक !

ग्रामीणों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं, लेकिन प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। लगातार बढ़ते दबंगों के आतंक से गांव के लोग भयभीत हैं और प्रशासन से सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।


दबंगों को राजनीतिक संरक्षण  है प्राप्त !

इस गंभीर मामले में अभी तक प्रशासन की कोई ठोस कार्रवाई सामने नहीं आई है। ग्रामीणों का आरोप है कि दबंगों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है, जिसके चलते वे खुलेआम इस तरह की हरकतें कर रहे हैं।


अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या प्रशासन इस मामले में कोई ठोस कदम उठाएगा, या फिर ग्रामीणों को इसी डर और दहशत में जीने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

Super Admin

Santosh Singh

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