Tuesday, July 1, 2025

जल संचय गबरा पर अतिक्रमण: जल संचय गबरा को अतिक्रमण मुक्त कर मूल स्वरूप में हो बहाल, ग्रामीणों की शिकायत के बाद प्रशासन की कार्रवाई पर टिकी निगाहें


 जल संचय गबरा पर अतिक्रमण: ग्रामीणों की शिकायत के बाद प्रशासन की कार्रवाई पर टिकी निगाहें !

 

ग्राम नसरतपुर, थाना संदेश, जिला भोजपुर, थाना-नंबर 187 में बिहार सरकार के जमीन सर्वे-खाता न० 566 , प्लॉट/खेसरा नंo 2035 एवं 2039 रकबा लगभग 50 डिसमिल, जल संचय को दबंगों द्वारा किया जा रहा है कब्जा

 

एक तरफ भूगर्भ जल का स्तर में जहां लगातार गिरावट देखे को मिल रहा है वहीं कुछ प्रभावशाली दबंगों के द्वारा खुले आम जल संचय गबरा जो कि भूजल को रिचार्ज करने का काम करता है उसे JCB और ट्रैक्टर लगा कर पटने का काम कर रहे है और प्रशाशन मूक दर्शक बन हुआ है।

 

एक रिपोर्ट गिरते भूगर्भ जल के कारण, परिणाम एवं उपाय पे !

 

बिहार के कुछ जिलों में पिछले दो वर्षों में भूजल स्तर में गिरावट और इसकी गुणवत्ता में कमी राज्य के अधिकारियों के लिए चिंता का विषय बन गया है। राज्य के नवीनतम आर्थिक सर्वेक्षण में यह जानकारी दी गई है।

 

राज्य भर में मानसून पूर्व भूजल स्तर के आकलन से पता चला है कि औरंगाबाद, भोजपुर , सारण, सीवान, गोपालगंज, पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, खगड़िया, सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, कटिहार जैसे जिलों में पिछले दो वर्षों में भूजल स्तर में गिरावट देखी गई है।

 

इस बारे में पूछे जाने पर बिहार लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के मंत्र नेपीटीआई-भाषासे कहा, ‘‘विभाग द्वारा मामले की जांच की जा रही है। हम पानी की गुणवत्ता में कमी के कारणों और इसे रोकने के लिए उठाए जा सकने वाले निवारक कदमों का पता लगाने के लिए एक नए अध्ययन की योजना बना रहे हैं।’’

 

उन्होंने कहा, ‘‘भूजल स्तर में गिरावट को रोकने के उपायों पर राज्य सरकार के अन्य संबंधित विभागों के साथ भी चर्चा की जाएगी।’’

 

बिहार आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, राज्य के विभिन्न जिलों में भूजल स्तर में गिरावट चिंता का विषय है, क्योंकि यह कृषि, औद्योगिक और घरेलू गतिविधियों में अहम सहायक है। राज्य के आर्थिक विकास को प्रभावित करने के अलावा घटते भूजल स्तर के अन्य निहितार्थ हैं जैसे कि ताजे जल संसाधनों में कमी और पारिस्थितिक असंतुलन का निर्माण। मानव गतिविधियों के अलावा, जलवायु परिवर्तन के कारण वर्षा में उतार-चढ़ाव भी भूजल पुनर्भरण को प्रभावित कर सकता है।

 

भूगर्भ जल स्तर गिरने के कारण:

भूजल का अधिक दोहन:

सिंचाई, उद्योग और घरेलू उपयोग के लिए भूजल का अत्यधिक दोहन भूजल स्तर को गिराने का मुख्य कारण है.

वर्षा में कमी:

कम बारिश होने से भूजल स्तर पर बुरा असर पड़ता है.

जल संरक्षण की कमी:

भूजल को रिचार्ज करने के लिए पर्याप्त उपाय नहीं किए जा रहे हैं.

जल प्रदूषण:

उद्योगों और शहरों से निकलने वाले सीवेज के कारण नदियों और भूजल का पानी दूषित हो रहा है.

 

गंभीरता:

कृषि पर प्रभाव:

भूजल स्तर गिरने से सिंचाई के लिए पानी की कमी हो रही है, जिससे फसलों पर बुरा असर पड़ रहा है.

पीने के पानी की कमी:

भूजल स्तर गिरने से पीने के पानी की भी कमी हो सकती है.

स्वास्थ्य पर प्रभाव:

दूषित पानी पीने से लोगों में बीमारियां बढ़ सकती हैं.

आर्थिक प्रभाव:

कृषि और उद्योगों पर बुरा असर पड़ने से बिहार की अर्थव्यवस्था पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.

 

समाधान:

भूजल का संरक्षण:

भूजल को रिचार्ज करने के लिए बारिश के पानी को इकट्ठा करने और भूजल संरक्षण के उपायों को बढ़ावा देना चाहिए.

जल का उचित उपयोग:

सिंचाई और अन्य उपयोग के लिए पानी का उचित उपयोग करना चाहिए.

जल प्रदूषण पर नियंत्रण:

उद्योगों और शहरों से निकलने वाले सीवेज को नियंत्रित करना चाहिए.

जन जागरूकता:

लोगों को जल संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूक करना चाहिए.

सरकारी पहल:

सरकार को जल संरक्षण के लिए ठोस योजनाएं बनानी चाहिए और उनका कार्यान्वयन करना चाहिए.


ग्रामीणों की मांग  

जल संचय गबरा को अतिक्रमण मुक्त कर मूल स्वरूप में हो बहाल I

प्रशासन की कार्रवाई पर टिकी निगाहें

 भोजपुर जिले में जल संकट को लेकर बड़ी लापरवाही सामने आई है। स्थानीय ग्रामीणों ने दिनांक 25 मार्च 2025 को अंचलाधिकारी संदेश, जिलाधिकारी भोजपुर एवं माननीय मुख्यमंत्री बिहार को जल संचय गबरा को अतिक्रमण से मुक्त कराने हेतु ईमेल और रजिस्टर्ड डाक के माध्यम से शिकायत भेजी है। अब सवाल यह है कि क्या प्रशासन इस मामले में ठोस कार्रवाई करेगा या फिर यह शिकायत भी सरकारी फाइलों में दबी रह जाएगी?

 

Super Admin

Santosh Singh

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